मेरी जिंदगी के नए पुराने experience

 



Routines Of My Life


 सुबह का काम खत्म होने के  बाद नहा कर जोत लगाती हूं  और उसके बाद अगर मुझे थोड़ा आराम करने को टाइम मिल जाए तो थोड़ा आराम कर लेती हूं, नहीं तो फोन पर कोई ना कोई काम देख लेती हूं मुझे अच्छा लगता है किसी ना किसी काम में लगे रहना । मैं अपने टाइम को व्यर्थ में नहीं जाने देती हूं मुझे ऐसा लगता है कि यह समय बहुत कीमती है और उसे हमें व्यर्थ में नहीं जाने देना चाहिए और जितना भी हो सके हमें इस टाइम का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए अच्छे कामों में अच्छी नॉलेज में और आप अपने टैलेंट को निखारने में अगर आप कोई ना कोई काम करते रहेंगे तो आपको आपकी कमियों के बारे में जानकारी मिलती रहेगी और आप उसे सुधारने की कोशिश करते रहेंगे !




 मैंने अपना सुबह का काम खत्म किया  नहा धोकर  थोड़ा सा आराम किया ,नहीं तो मुझे कई बार आराम करने को  मिलता ही नहीं है क्योंकि छोटा बच्चा है तो उसे कई बार भूख लग जाती है तो मुझे फिर से किचन में जाना पड़ता है उसके लिए कुछ ना कुछ तैयार करना पड़ता है अभी lockdown के कारण बच्चे घर पर ही हैं , तो उनकी छोटी-छोटी प्रॉब्लम भी हैंडल करनी पड़ती है उनकी लड़ाई को भी मैनेज करना पड़ता है बच्चे हैं तो  बच्चों में  लड़ाई होना एक नॉर्मल बात है तो कई बार उनकी छोटी-छोटी प्रॉब्लम को खुद ही handle  करना पड़ता  है।



आप लंच टाइम हो गया है तो मैं सोच रही हूं कि मैं क्या बनाऊं बच्चों को भूख लगती है तो वह चिल्लाने लगते हैं कि मैं भूख लगी है हमें खाने को कुछ चाहिएकई बार जब खाने को कोई ऑप्शन नहीं होती है तो हम सोच में पड़ जाते हैं कि आज हम बच्चों को क्या बना कर दें लेकिन बच्चे आज डिमांड कर रहे हैं कि उन्हें pizza  चाहिए। तो आज मैं उन उनके लिए पिज़्ज़ा बना रही हूं पिज्जा बनाने के लिए मेरे पास अभी base नहीं है तो मैं होममेड base  बना रही हूं। Pizza के लिए जहां तक मैं base  घर में    ही बनाती हूं

पहले मैंने बेस तैयार किया और उसके बाद मैंने बच्चों के लिए pizza  बनाया pizza बच्चों को बहुत पसंद है साथ में वह वह कॉफी की डिमांड कर रहे थे तो मैंने उन्हें कॉफी बना कर दी पिज्जा मै घर में ज्यादा नहीं बनाती हूं कभी कबार month में   में एक बार बना लेती हूं ऐसे  बच्चे भी खुश हो जाते हैं और उन्हें घर की बनी हुई चीज भी मिल जाती है, जो हम hygnic तरीके से तैयार करते हैं ,enjoy eating routine मैं  थोड़ा सा नया रंग बढ़ जाता है पिज़्ज़ा बहुत tasty बना था तो  बच्चों ने बहुत खुश होकर खाया !


बच्चों में  आदते


अब थोड़ा सा टाइम फ्री है तो मुझे यह टाइम आराम करने के लिए मिल गया और बच्चों ने दूसरे कमरे में टीवी ऑन कर लिया। मेरी ज्यादातर कोशिश यही रहती है कि बच्चे भी जो दिनभर की मस्ती करते रहते हैं और साथ में पढ़ते भी हैं तो थोड़ा सा आराम करें मैं कम से कम उन्हें एक घंटा आराम करने के लिए जरूर कहती हूं यह आदत उन में डाल रही हूं ताकि वह अपने शरीर और अपने mind को 1 घंटे के लिए बिल्कुल  silent  रखकर आराम करें, इससे बच्चों में बहुत सारी improvement होती है ,वह कुछ टाइम के लिए खुद को silent रखना सीखते हैं मेरी कोशिश यही रहती है कि वह इस 1 घंटे में किसी चीज के बारे में बिल्कुल भी ना सोचे और बिल्कुल आराम करें इससे बच्चों में patience रखना और खुद को शांत रखना सीखते हैं। यह आदत बच्चे जल्दी नहीं अपनाएंगे ,लेकिन धीरे-धीरे वह इस habit को जरूर अपना लेंगे इसमें समय लगता है ।



शाम का समय

जब शाम के 4 का टाइम हो जाता है तो मेरी यही कोशिश रहती है कि मैं 4:00 बजे अपना शाम का काम शुरू करूं ताकि मैं अपना काम जल्दी  खत्म कर सकूं और शाम को एक घंटा walk भी कर सकूं, तो मैं अपना काम जल्दी करने की कोशिश करती हूं। पहले मैं सब्जी भाजी तैयार करती हूं रोटी बना लेती हूं और उसके बाद एक घंटा walk जरूर करती हूं! Walk करने से मैं एक्टिव feel करती हूं इसे मेरा शरीर active रहता है। और walk करते समय मैं फोन पर बहुत सारी knowledge वाली video देखती हूं जो मुझे अच्छी नॉलेज देती है , तो हम मैं एक घंटा walk कर  कर लेती हूं और उसके साथ अच्छी-अच्छी वीडियोस भी देख लेती हूं ऐसे मेरा टाइम बहुत अच्छा spend होता है और मैं walk करते समय bor नहीं होती।



बच्चों में self confidence

Dinner करने के बाद थोड़ा सा टीवी देख लेती हूं अपना favorite show देख लेती हूं या फिर कोई ना कोई अच्छी सी बुक पढ़ लेती हूं उसके बाद में प्लान करती हूं कि मुझे  दूसरे दिन में  कौन-कौन सा काम करना है कई बार  म  रात को  मैं यह प्लानिंग कर लेती हूं कि मुझे दूसरे दिन सुबह से लेकर शाम तक कौन-कौन से काम करने है जो कि मेरे लिए बहुत easy हो जाते हैं अगर हम schedule बना कर काम करते हैं तो हमारे लिए बहुत easy जाता है और हमारे माइंड में क्लियर रहता है कि हमने आज कौन-कौन सा काम करने है।



 मैं बच्चो को decision खुद लेने की आदत भी डाल ले रहे हो जैसे कि उनको अपने कपड़े को सिलेक्ट करना उन्हें क्या खाना है उन्हें future में क्या बनना है उन्हें क्या पसंद है ताकि वह अपने आप को जान सके खुद को पहचान सके . बच्चों में यह habit डालनी बहुत जरूरी है ऐसा करने से बच्चे हैं खुद को पहचानने की कोशिश करते हैं और अपनी कमियों को भी सुधारने की कोशिश करते हैं अपने बलबूते पर खुद के decision  लेने लगते हैं।


इसके बाद में रात सोने से पहले 20 मिनट खुद को जरूर देती हूं, इस 20 मिनट में मैं खुद के लिए निकालती हूं  इस 20 मिनट में थोड़ा meditation कर लेती हूं और इसके बाद सो जाती हूं और और  सोते समय मन में यह विचार लाती हूं कि कल का दिन मेरे लिए बहुत अच्छा हो।








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