निराशा के बाद फ़ालतू बोझ को कैसे कम करे
ज़िंदगी के फ़ालतू बोझों से कैसे बचें 🌸🌸
हम सब अपने कंधों पर बहुत कुछ ढोते रहते हैं —
दूसरों की उम्मीदें, पुरानी बातें, डर, guilt, और comparison।
धीरे-धीरे ये सब हमारी खुशी और शांति को खा
जाते हैं ।
अब वक्त है थोड़ा हल्का होने का 💫
💭 1. पहचानो क्या सच में ज़रूरी है
हर दिन अपने आप से पूछो —
👉 “क्या ये बात मेरे काम की है या बस मेरे दिमाग का शोर?”
जो बातें आपकी energy खा रही हैं, उन्हें धीरे-धीरे छोड़ना सीखो।
🧘♀️ 2. “लेट गो” का अभ्यास करो
हर चीज़ को control करना मुमकिन नहीं।
रात को आँख बंद करके बस इतना कहो —
“जो मेरे बस में नहीं, उसे मैं छोड़ता/छोड़ती हूँ।”
“मैं सिर्फ अपनी शांति के लिए ज़िम्मेदार हूँ।”
🌿 3. खुद के लिए वक्त निकालो
दिन के 10-15 मिनट सिर्फ अपने लिए रखो।
बिना फोन, बिना सोचे — बस खुद के साथ रहो।
यही पल तुम्हें दोबारा जोड़ता है खुद से।
☀️ 4. तुलना और guilt छोड़ो
किसी से खुद को कम मत समझो।
हर इंसान की journey अलग है —
अपनी रफ़्तार पर भरोसा रखो ❤️
💫 5. माफ़ करना सीखो
सीख:
ज़िंदगी आसान तब होती है जब हम उसे दूसरों की नज़रों से नहीं, अपनी आत्मा की नज़रों से जीना शुरू करते हैं। 💫
ग़ुस्सा और पुराना दर्द दिल में रखोगे तो वही सबसे भारी बोझ बन जाएगा।
ज़िंदगी आसान तब होती है जब हम उसे दूसरों की नज़रों से नहीं, अपनी आत्मा की नज़रों से जीना शुरू करते हैं। 💫
ग़ुस्सा और पुराना दर्द दिल में रखोगे तो वही सबसे भारी बोझ बन जाएगा।
माफ़ करो — दूसरों को भी, और खुद को भी।
✨ ज़िंदगी तब हल्की लगती है जब हम उसे दिल से जीते हैं, न कि दिमाग के डर से।
थोड़ा छोड़ो, थोड़ा मुस्कुराओ… और खुद को आज़ाद करो 🌸
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